"दोस्ती"
दोस्ती भी क्या होता यार |
जो देती जी भर कर प्यार ,
जगह -जगह पर साथ निभाता |
हर मुसीबत काम है आता ,
मेरी मुसीबत गले लगाता |
जो वादा करो वो है निभाता ,
छोड़ देता सारा हार की परवाह |
सम्हलता सिर्फ दोस्ती की राह ,
कवि : नंद कुमार , कक्षा : 5th
अपना घर
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