"मिट्टी "
मिट्टी में पला गरीब का बच्चा |
मिट्टी ने पाला उसे ,
मिट्टी पर ही गिरा |
और मिट्टी ही संभाला ,
मिट्टी में ही हल है |
और मिट्टी में ही कल है ,
गरीब मिट्टी में काम कर -कर के |
अपना पूरा जिंदगी गुजार देते है ,
अपने परिवार को चलाने के लिए |
कवि : राहुल कुमार , कक्षा : 8th
अपना घर
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