" धरती मुझे गोद में लेकर "
धरती मुझे गोद में लेकर |
मौसम -मौसम घुमाती है ,
धरती मुझे गोद में लेकर |
हर मौसम के साथ जीना सीखती है ,
सूरज के चक्कर लगती है |
धरती मुझे गोद में लेकर ,
पूरा बह्रामंड में घुमाती है |
धरती सब के साथ रहना सीखती है ,
कवि : रोहित कुमार , कक्षा : 4th
अपना घर
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