" मौसम का क्या कहना "
मौसम का क्या कहना ,
जो हसी -ख़ुशी का माहौल बना दे |
सुखने लगे सारे पेड़- पौधे ,
अब तो बादलो से बून्द गिरा दे |
मौसम का क्या कहना ,
जो अंधकार को उजाला में बदल दे |
चारो तरफ ही अंधेरा -अंधेरा ,
अब तो अंधेरे -अंधेरे में दीपक जला दे |
मौसम का किया कहना ,
जो हर एक चेहरे पर मुस्कान दिला दे |
रूठे है लोग तुझसे ,
अब तो गर्मी को सर्दी को बदल दे |
मौसम का क्या कहना ,
जो चाँदनी रात में तारे दिखा दे |
लोग करते है तेरा इंतजार ,
अब तो फूलो से बगिया महका दे |
कवि : रविकिशन , कक्षा : 12th , अपना घर
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर रचना।
thank you very much sir .
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