" उपवन की हरयाली में "
उपवन की हरयाली में ,
दोस्ती की गहराई में |
मौज मस्ती की बातो में ,
कब औऱ कैसे हो गया शाम |
दिन हो या दोपहर ,
गर्मी लगती है बहुत जहर |
लोग धुप में काम कर के जाते है कहर ,
ऐसी लिए धुप में ज्यादा देर मत ठहर |
बगीचा हमेशा हरा दिखे ,
दोस्ती ओर प्यार से भरा दिखे |
कवि : पिंटू कुमार , कक्षा 6th , अपना घर
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