" जब हम नराज होते है "
जब हम नराज होते है ,
अक्सर सब कुछ छोड़ देते है |
हर किसी की बात कड़वी लगती है ,
हमारी नसों में खून ऊपर से निचे दौड़ती है |
खाना --पीना सब त्याग देते है ,
सब से मुँह मोड़ देते है |
अपनी दुनियाँ में खोए रहते है ,
आपने सपनो में खोए रहते है |
जब हम नराज होते है ,
अक्सर सब कुछ छोड़ देते है |
कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
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