" मै अब भी याद करता हूँ उस पल को "
मै अब भी याद करता हूँ उस पल को ,
जब मै घुठनो के बल चलता था |
मुझे याद है वह दिन ,
जब खटिए से गिर जाता था |
मुझे याद है वह दिन ,
जब मैं मिट्टी से सना रहता था |
माँ को डर था कही हम गिर न जाए ,
इसलिए उगंली पकड़कर चलता था |
उन्हे मालूम था कही गिर न जाए हम ,
मै याद करता हूँ उस पल |
जब मै घुठनो के बल था चलता | |
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 7th , अपना घर
4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर रचना
कृपया मेरा ब्लॉग भी पढ़े
बहुत सुन्दर
बहुत ही सुंदर सृजन।
सादर
Thank you very much .
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