" मै अब भी याद करता हूँ उस पल को "
मै अब भी याद करता हूँ उस पल को ,
जब मै घुठनो के बल चलता था |
मुझे याद है वह दिन ,
जब खटिए से गिर जाता था |
मुझे याद है वह दिन ,
जब मैं मिट्टी से सना रहता था |
माँ को डर था कही हम गिर न जाए ,
इसलिए उगंली पकड़कर चलता था |
उन्हे मालूम था कही गिर न जाए हम ,
मै याद करता हूँ उस पल |
जब मै घुठनो के बल था चलता | |
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 7th , अपना घर
5 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 04 अप्रैल 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत सुन्दर रचना
कृपया मेरा ब्लॉग भी पढ़े
बहुत सुन्दर
बहुत ही सुंदर सृजन।
सादर
Thank you very much .
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