" एक खेल है साबकी प्यारी "
एक खेल है साबकी प्यारी ,
हर जगह है क्रिकेट की महामारी |
लोग बैठे करते है चर्चे ,
जगह -जगह बाट रही है पर्चे |
धोनी - धोनी आवाज लगाते ,
विराट कोहली नाचते गाते |
पंड्या के छक्के सबको भाते ,
बुमराह भी खूब यार्कर आजमाते |
रोहित भैया शतक -पे शतक लगाते ,
धवन भी छक्के - चौके खूब बरसाते |
कभी अंदर बाहर होते नटराजन भैया ,
कई बार कराई है इन्हों ने नइया |
मोटा है महारा पंत ,
करता है मैच का अंत |
एक खेल है साबकी प्यारी ,
हर जगह है क्रिकेट की महामारी |
कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
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