" धुआँ है कितना खराब "
धुआँ है कितना खराब |
पेड़ -पौधों को कर देता है खराब ,
धुआँ अब नहीं फैलाना है |
सुद्ध ऑक्सीजन पाना है ,
हमें बिमार अब नहीं पड़ना है |
अधिक से अधिक पेड़ लगाना है ,
धुआँ है कितना खराब |
पेड़ -पौधों को कर देता है खराब ,
कवि : गोपाल कुमार , कक्षा : 4th
अपना घर
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