"जिन्दगी का सफऱ कहाँ खत्म होगा "
सागर के बहन में ये जिन्दगी का |
इस जिन्दगी का कोई ,
तो किनारा होगा |
मेरी इस छोटी जिन्दगी में ,
मेरा कोई तो सहारा होगा |
मैं राह के लक्ष्य के खतीर ,
मुझे उठाने वाला कोई होगा |
मुझे उस किनारे का ही तो ,
मुझे है इन्तजार है |
सागर के बहाव में ये जिंदगी का ,
इस जिंदगी का कोई |
तो किनारा होगा ,
कवि : संजय कुमार , कक्षा : 11TH
अपना घर
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