"उन बीते दिनों को याद करता हूँ "
आज मैं याद कर रहा हूँ |
उन बीते दिनों को ,
जब हमें चलना तक नहीं आता था |
याद करता हूँ ,
उन लम्हें को |
जो अपने गाँव में बिताया है ,
याद करता हूँ |
उन दोस्तों को ,
जो मेरे साथ खेला करते थे |
लेकिन आज मैं देखता हूँ ,
उन सब को |
तो वो बात नहीं रही उन सब में ,
जो बचपन में हुआ करता था |
कवि : संतोष कुमार , कक्षा : 6th
अपना घर
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