"गर्मी का मौसम हो गया सुरु "
गर्मी का मौसम हो गया सुरु |
कही छाँव तो कही पंखा के नीचे ,
काटेंगे दिन अपना |
पढ़ाई में तो मन नहीं लगेगा ,
क्योंकि सूरज निकलना हो गया सुरु |
दिन भर इधर -उधर भटकते रहेंगे ,
कभी रूम में तो कभी लाइब्रेरी |
सब इंतजार करते है उस समय का ,
जब खेलने का काम होता है सुरु |
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 7th
अपना घर