बुधवार, 16 दिसंबर 2020

कविता:- बाजार में अब शोर कम हो गया

"बाजार में अब शोर कम हो गया"
बाजार में अब शोर कम हो गया।
दोस्तों से न मिले बिना।।
 अब मन भी बोर हो गया। 
अब बस करो कोरोना तुम्हारे आगे।।
चीन ही नही सारी दुनियाँ बेहाल हो गया।
कुछ नही बचा काम करने को।।
गाड़ियों के आवाज भी कम हो गया।
पड़ोसियों के बकवास भी बंद हो गया।।  
अब बस करो कोरोना तुम्हारे आगे।
अब दवाईयाँ  भी काम हो गया।।
मनो अब जैसे जिंदगी थक गया।
 बाजार में अब शोर भी कम हो गया।।
कविः- कामता कुमार, कक्षा -9th, अपना घर, कानपुर
 कवि परिचय - ये कामता कुमार जो बिहार के रहने वाले है।  बड़े होकर IAS बनना   हैं। ये बहुत अच्छी कविताएँ लिखते है।
 

3 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

यद्यपि कोरोना की मार जबरदस्त पड़ी है तथापि बहुत कुछ अच्छा भी हुआ, जैसे-पर्यावरण, हवा, पानी विशेषकर प्रदूषण की समस्या

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर और सामयिक रचना।

BAL SAJAG ने कहा…

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