शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

कविता:- गिरना जरुरी है

"गिरना जरुरी है"
लोग अक्सर जीवन में गिरन से डरते है। 
 नज़ारे छुपाते हुए दुसरों के पीछे छुपाते है।।
लोग हमेशा अपनी इज्जत का ख्याल रखते है। 
इसलिए हर काम करने से डरते है।।
पर जीवन में गिरना जरुरी है।
और जो गिरा वही अपने।।
सपने पूरे कर पते है।
गिराने से हम डरते नहीं।।
किसी चीज को करने के। 
तरीके सही मिल जाते है।।   
बातों को दिल में लगाने चाहिए।
पैरों में कटे चुभने चाहिए।।
तभी हम सम्भल कर चलेंगे।
तभी हम आगे मुश्किलों से लडेंगे।
 
कविः -देवराज कुमार, कक्षा -10th , अपना घर , कानपुर ,
 

कवि परिचय : यह हैं देवराज जो की बिहार के रहने वाले हैं। और अपना घर में रहकर  ये पढ़ाई कर रहे हैं।  देवराज पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं। | देवराज डांस बहुत अच्छा कर लेते हैं। और साथ ही साथ  अच्छी कवितायेँ भी लिख लेते हैं।
 
 

कोई टिप्पणी नहीं: