"सपने तो बहुत आते हैं"
सपने तो बहुत आते हैं।
क्या कभी सच हो पाते है।।
अगर उनमे से कुछ सपने।
सच हो जाये तो।।
जिंदगी का मकसद और।
रस्ते बदल जायेंगे ।।
अगर कहीं सपने बार-बार आये।
और अधूरा ही रह जये तो।।
मानों उसे पाने की चाहत बाढ़ जाएगी।
खुद को आईने में देखने की कोशिश करेंगे।।
सपनो की दुनियाँ में मकसद और।
रास्ते अलग हो जायेंगे।।
अगर आप उलझ गए इन ख्यालो में।
तो जिंदगी के मकसद और रास्ते दोनों बदल जायेंगे।।
आपका सपना और मकसद।
दोनों पूरा होते ही रह जायेंगे।।
कविः -शनि कुमार ,कक्षा -9th ,अपना घर,कानपुर,
कवि
परिचय :- ये शनि कुमार है। जो बिहार के रहने वाले है। इस समय अपना घर
हॉस्टल में रहकर शिक्षा प्राप्त कर रहे है। ये पढ़ने में बहुत अच्छे है।ये
पढ़ लिखकर अपने परिवार और समाज के लिए काम करना चाहते है। इनको कविता लिखना
पसन्द है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें