"आज़ादी "
आजादी की जंग में |
मंगल पांडेय ने दिया बलिदान
कुछ ने नशों के भांग में |
किया दुश्मनो का सम्मान
कुछ ने अपने दोस्तों के संग में |
बाली सी उम्र में गवाई जान
मान सम्मान कपे तुम उनको |
जिन्होंने आजादी की लिया
गवाए अपने जान |
कवि :महेश कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर
1 टिप्पणी:
बहुत बढ़िया प्रिय महेश बेटा।आपने अपने क्रान्तिवीरों के लिए जो कृतज्ञता प्रकट की है वह प्रेरक और सराहनीय है। पर बेटा आप की कविता को थोड़े से संशोधन की जरुरत है।ये कुछ यूँ भी हो सकती है
जंग में आजादी की |
मंगल पांडेय ने दिया बलिदान
भांग के नशे में कुछ ने |
किया दुश्मनों का सम्मान।
अपने दोस्तों संग में कईयों ने |
बाली उम्र में गँवाई जान
करो मान -सम्मान तुम उनका |
आजादी की लिए जिन्होनें
गँवाई अपने जान |
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लेकिन आपने अपनी उम्र के अनुसार अच्छा लिखा है।निरंतर अभ्यास से आप उत्तम लेखन को पा सकेंगे।ढेरों शुभकामनाएं आपके लिए ♥️♥️
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