शनिवार, 16 मई 2020

कविता : काश मैं भी चिड़िया होता

" काश मैं भी चिड़िया होता "

काश मैं भी चिड़िया होता,
खुले आकाश की सैर कर पाता | 
पंख फैला दुनिया घूम आता,
काश मैं भी चिड़िया होता | 
नई -नई चीजें देख पाता,
नभ के तारे को संगीत सुनाता | 
पहाड़ों को भी मैं छू  आता,
 काश मैं एक चिड़िया होता | 
मेरे सुनहरे पँख होते,
जो मन में आता वो खाते | 
काश मैं एक चिड़िया होत,
खुले आकाश में घूम पाता | 

कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 6th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता सुल्तान के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " काश मैं एक चिड़िया होता " है | इस कविता में एक चिड़िया बनने की इच्छा को प्रकट किया है | सुल्तान को कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है और साथ ही साथ चित्र कला में भी रूचि रखते हैं |

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