" काश मैं भी चिड़िया होता "
काश मैं भी चिड़िया होता,
खुले आकाश की सैर कर पाता |
पंख फैला दुनिया घूम आता,
काश मैं भी चिड़िया होता |
नई -नई चीजें देख पाता,
नभ के तारे को संगीत सुनाता |
पहाड़ों को भी मैं छू आता,
काश मैं एक चिड़िया होता |
मेरे सुनहरे पँख होते,
जो मन में आता वो खाते |
काश मैं एक चिड़िया होत,
खुले आकाश में घूम पाता |
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 6th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता सुल्तान के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " काश मैं एक चिड़िया होता " है | इस कविता में एक चिड़िया बनने की इच्छा को प्रकट किया है | सुल्तान को कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है और साथ ही साथ चित्र कला में भी रूचि रखते हैं |
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