" प्यारी नींद "
हमको प्यारी नींद हमारी,
हमको है नींद भाती |
हर पल वो हमें बुलाती,
हमसे कभी दूर न जाती |
सपनों की दुनियाँ में खेल खिलाती,
रोता हूँ तो वह मुझे हँसती |
सर्दी - गर्मी से हमें फर्क न पड़ता,
सोने का बस मन है करता |
हिलाते - डुलाते हैं हजारों लोग,
पर सोने पर न कोई दोस |
हमको प्यारी नींद हमारी | |
कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता जिसका शीर्षक " प्यारी नींद " कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | कुलदीप ने यह कविता अपनी इच्छा प्रकट करने के लिए लिखी है जो की सबको प्यारी होती है और वो है नींद | कुलदीप को कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है |
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