"मौसम "
अब मौसम को क्या बताना ,
कभी कड़क गर्मी और धूप से मंडराना |
कभी काले बदलो से सूर्य ढक ले जाना ,
बारिश की मौसम का अब न कोई ढिकाना |
अब मौसम को क्या कहना ,
चलती और बहती झरनो को सुखा देना |
प्रकृति में गर्मी से उथल -पुथल होना ,
बारिश मौसम का अब न कोई ढिकाना |
अब मौसम को क्या कहना ,
कभी कड़क गर्मी और धूप से मंडराना
| कवि :गोविंदा कुमार ,कक्षा :8th
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