"अकेला "
शुक्र है की मैं अकेला मुस्कुराता हूँ ,
हर वक्त हर समय ख्यालो में खोया रहता हूँ |
नहीं है कोई खौफ किसी का ,
अकेला हूँ अकेला रह लेता हूँ |
जीने को नहीं चाहिए कुछ इस जंहा से ,
सोच की बस एक राह में रहता हूँ |
अकेला हूँ अकेला रह लेता हूँ ,
खुद से कोई खता नहीं मुझे |
दूसरों से कोई गिला नहीं मुझे ,
अकेला हूँ अकेला रह लेता हूँ |
कवि :साहिल कुमार , कक्षा :8th
अपना घर
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