"विशवास "
मै क्यों हर पल रुक जाता हूँ ,
न चाहकर भी मै डर जाता हूँ |
सारी चीजे मालूम है मुझको ,
पर अंदर से हिचकिचाता हूँ |
हर वक्त सोचा है उनको ,
पर क्यों कुछ कह नहीं पाता हूँ |
मै क्यों हर पल रुक जाता हूँ ,
मरती आशाओ में डूब जाता हूँ |
मै क्यों हर पल रुक जाता हूँ |
न चाहकर भी मै डर जाता हूँ,
कवि :बिट्टू कुमार ,कक्षा :8th
अपना घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें