गुरुवार, 11 मार्च 2021

कविता:- आसमान में तारे

"आसमान में तारे"
आसमान में तारे।
 दिखते हैं बहुत सारे।।
कुछ टिमटिमाते हुए।
कुछ चमकते हुए।।
उन अंधेरी रातों में।
जुगनू की तरह।।
आसमान में तारे।
दिखते हैं बहुत सारे।।
कविः- नवलेश कुमार, कक्षा- 6th, अपना घर, कानपुर,

कोई टिप्पणी नहीं: