"काश मै उड़ता फिरुँ आसमान में"
काश मै उड़ता फिरुँ आसमान में।
घूमूँ घर और बागवान में।।
मीठे मीठे फल मै खाऊँ।
अपने दोस्त संग मैं जाऊँ।।
पंख अपने रोज धोकर।
रोज सज सवर कर।।
दुनियाँ की सैर कर आऊँ।
काश मै उड़ता फिरुँ आसमान में।।
घूमूँ घर बागवान में।
कविः- कुलदीप कुमार, कक्षा -9th, अपना घर, कानपुर,
कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।
कुलदीप पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं। कुलदीप एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं।
कुलदीप अपनी कविताओं से लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं। इनको
क्रिकेट खेलना पसंद है।
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