" पर्यावरण का ख्याल "
बारिश भी कुछ कहना चाहता है,
अपने बातों को बताना चाहता है |
छुआ - छूत से हो रहे परेशान,
बनकर जहरीले बूँदें बरस रहे है |
पर नहीं समझ रहे हैं इंसान,
कोई लकड़ी तो कोई कोयला |
कोई डीज़ल तो कोई पेट्रोल जला है,
नहीं रख रहे पर्यावरण का ख्याल |
बारिश भी कुछ कहना चाहता है,
अपने बातों को बताना चाहता है | कवि : नितीश कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
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