" लक्ष्य "
न मुझे मांग सकेंगे ,
न मुझे कोई छीन सकेंगे |
बस मुझे पाने के लिए लाख,
कोशिशों कर सकेंगे |
बहुत मुश्किल से मुझे चुना ,
फिर हिसाब से उतने पैसे गिना है |
तुम्हारे बिना मै कुछ कह नहीं सकते ,
शायद मै कभी चैन से |
जी नहीं सकते।,
कवि : देवराज , कक्षा : 10th , अपना घर
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