"ये खिलखिलाते से चेहरे"
ये खिलखिलाते से चेहरे पर |
एक अनमोल सी मुस्कान खिली ,
खेल की मैदान में सोर उठी |
छक्के -चौक्के की बरसात हुए ,
ढोल नागारे लगे बजने |
छोटे -छोटे बच्चे लगे नाचने ,
लड्डू -पेड़ा लगे बाटने |
ख़ुशी बाटने लगे हर ओर ,
ये खिलखिलाते से चेहरे पर |
एक अनमोल सी मुस्कान खिली ,
कवि : सार्थक कुमार , कक्षा : 11th
अपना घर
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