बुधवार, 23 अक्तूबर 2019

कविता : मेर प्यारी माँ

" मेर प्यारी माँ "

कौन है जिसने हमें जीना सिखाया,
कौन है जो हर वक्त साथ निभाया | 
गर्मी की वो छाँव है ,
सर्दी की वो धूप है | 
जितने भी मौसम है, 
उसके कर्ज़दार हैं हम | 
रात में वह पहरेदार है,
हमारी हर गलती की जिम्मेदार है | 
न ही वह धरती है 
और न ही है कोई आसमां,
वह तो है मेरी प्यारी माँ |   

कवि : अखिलेश कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता अखिलेश के द्वारा लिखी गई है जो  कि  बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं और "अपना घर" संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं | इस कविता का शीर्षक" माँ "है जिसपर उन्होंने यह कविता लिखी है | अखिलेश पढ़ाई में बहुत ही अच्छे हैं |