शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

कविता : मौसम

" मौसम "

यह मौसम है बड़ा सुहाना,
मन करता है बस इसी में जीना | 
इस मौसम में किसी को तो है भीगना,
क्योंकि किसी को न आता पसीना | 
मन करता है बस इसी को जीना, 
नहीं होगी मुश्किल अब देखना | 
क्योंकि अब है हमें सिर्फ खेलना,
इस मौसम से बातें है करना | 
यह मौसम है बड़ा सुहाना,
मन करता है बस इसी में जीना | 

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | समीर कवितायेँ के अलावा संगीत और खेलकूद गतिविधियों में भी अच्छे हैं | पढ़लिखकर अपने परिवार की सहायता करना चाहते हैं |  

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