"गर्मी "
गर्मी है या फि आग का गोला ,
गरम हवा या आग का प्याला |
मुरझा दिया फिर नए पत्ते ,
सुखा दिया फिर ठंडे तालाब |
ख़त्म हो गया वो हर चीज ,
जो प्रकृति ने था संभाला |
गर्मी है या आग का गोला ,
लू चलती है आवाजे आते है |
धूल साथ मे गर्म हवा पास में ,
गर्मी है या आग का गोला |
कवि :रोहित कुमार ,कक्षा 7th
अपना घर
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