"समय "
बहुत वक्त गुजर गया ,
घडी को देख-देख कर |
बहुत देर से एक ही आवाज ,
सुनाई दे रहा घर-घर |
दस बजे से देखना शुरू किया था ,
बज गए अब घडी में चार |
पांच बजे खेलने जाएंगे,
वह समय हो जायेगा बर्बाद |
छै बजे से फर पड़ने बैठेंगे ,
वही पर थोड़ा सा ही-ही ,हा -हा करेंगे |
बजा देंगे घडी में आठ ,
फिर खाना खाएंगे मिनट साठ |
बहुत वक्त गुजर गया।,
घडी को देख-देख कर |
कवि :गोविंदा कुमार ,कक्षा :8th
अपना घर
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