"किताबे "
ये बेजुवा किताबे बहुत कुछ कह जाती है ,
हर एक शब्दों पर बहुत कुछ बना जाती है |
समुद्र से गहरा ज्ञान हमे दे जाती है ,
ये बेजुवा किताबे बहुत कुछ कह जाती है |
बुझे हुए दीप को जला जाती है ,
हर एक भटके को नई राह दिखाती है |
जो इस जिंदगी को हार कर बैठ जाता है ,
उसे जिंदगी का राह दिखती है |
ये बेजुवा किताबे बहुत कुछ कह जाती है
कवि :मंगल कुमार ,कक्षा :8th
अपना घर
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