" मार्क्स "
आज -कल मैं क्या बताऊँ,
दोस्त मैं अब किसे बनाऊँ |
ख़राब मार्क्स आए तो किसे बताऊँ,
औरों से मैं अपने मार्क्स छुपाऊँ |
अच्छे मार्क्स से मैं ख़ुशी पाऊँ,
ख़राब मार्क्स दुखी हो जाऊँ |
दूसरों के मार्क्स को मैं चिल्लाऊँ,
औरों के मार्क्स मैं बताऊँ |
कोई मजाक उड़ाए तो सुन न पाऊँ | |
नाम : अजय कुमार , कक्षा : 6th , अपना घर