मंगलवार, 7 जुलाई 2020

कविता : हिंदुस्तान

" हिंदुस्तान "

मुझे गर्व है की मैं उस देश का वासी हूँ,
जिसकी मेरी माँ भी दासी है | 
जिसकी मिट्टी हजारों वीरों के 
बलिदान से बनी है,
जिसकी कण -कण भी उनके एफ्तों सनी है | 
जो पवित्र होकर भी खामोश है,
बैरों को भी बनाया दोस्त है | 
जिसने दुनिया को पाली है,
भटकते हुए को भी संभाली है | 
जिसकी संस्कृति दुनिया में पवित्र है,
जो सबसे अलग और विचित्र है | 
वो दुनिया में एक है,
पर इसके नाम अनेक हैं | 
जिससे महान है हर एक जवान,
उसका नाम है हिंदुस्तान | | 

कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता जिसका शीर्षक " हिंदुस्तान " देवराज के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | देवराज को विज्ञानं में बहुत रूचि है और तरह - तरह के प्रयोग करते रहते हैं | इसके साथ - साथ डांस करना भी अच्छा लगता है |

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