" हिंदुस्तान "
मुझे गर्व है की मैं उस देश का वासी हूँ,
जिसकी मेरी माँ भी दासी है |
जिसकी मिट्टी हजारों वीरों के
बलिदान से बनी है,
जिसकी कण -कण भी उनके एफ्तों सनी है |
जो पवित्र होकर भी खामोश है,
बैरों को भी बनाया दोस्त है |
जिसने दुनिया को पाली है,
भटकते हुए को भी संभाली है |
जिसकी संस्कृति दुनिया में पवित्र है,
जो सबसे अलग और विचित्र है |
वो दुनिया में एक है,
पर इसके नाम अनेक हैं |
जिससे महान है हर एक जवान,
उसका नाम है हिंदुस्तान | |
कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
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