" कोरोना का कहर "
पूरी दुनियाँ में फैली है कोरोना
मुश्किल हो गया है लोगों का जीना |
देशों में लग गया है lockdown
घर के सिवाय कहीं और न जाएँ |
अब कोरोना का डर भी सताने लगा,
यह एक खतरनाक महामारी है
ये बात भी डॉक्टर बताने लगे |
मन करता है बाहर जाने का,
दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने का |
बस ऑनलाइन पढ़ाई होती है,
जो मजा क्लास में होती थी
अब ख़त्म हो गया |
जल्द जाए कोरोना का कहर,
फिर हम घूमें दिन , दोपहर |
कवि : अप्तर अली , कक्षा : 3rd , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता जिसका " कोरोना का कहर " अप्तर के द्वारा लिखी गई है जो की असम के रहने वाले हैं | अप्तर को कविता लिखना बहुत अच्छा लगता है और अच्छी कवितायेँ लिखने की कोशिश करते हैं |
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