"हक"
हम से वह हक छीना गया |
जिस पर मेरा हक था ,
मेरे पैरो को रोका गया |
जिस पथ पर मेरा हक था ,
सब ने मुँह मोड़ लिया |
मेरे चीखने व चिल्लाने पर ,
उसने हमारा घर उजाड़ दिया |
जिस पर रहने का का हक था ,
उसने देश देश से निकाल दिया |
जिस देश में रहने का हक था ,
जिस ने खून की नली बहा दी |
उसी पर मेरा शक था ,
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 7th
अपना घर
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