मुझे हर अमीरों को ये बताना है।
जिनके घरों में भरा खजाना है।।
जाकर झलक तो मार एक बार।
जिन गरीबों के पास ना खाना है।।
मुझे हर अमीर को ये बताना है।
जिनके बैगों में भरा खजाना है ।।
युही उनको खली पेट सो जाना है।
इनके दर्द को किसने जाना है ।।
मुझे हर अमीर को ये बताना है।
जिनके बैगों में भरा खजाना है।।
उन बच्चो को मुझे बचाना है।
जो शिक्षा से बेगाना है।।
उन हाथो को कॉपी किताब से सजाना है।
मुझे हर अमीर हर को बताना है।।
जिनके बैगो में भरा खजाना है।
कविः - विक्रम कुमार ,कक्षा -10th ,अपना घर, कानपुर,
2 टिप्पणियां:
बहुत उम्दा।
Dr.rupchandara shastri jee dhanyvad
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