सोमवार, 9 नवंबर 2020

कविता :- मुझे हर अमीरों को ये बताना है



 "मुझे अमीरों को ये बताना है"
मुझे हर अमीरों को ये बताना है।
जिनके घरों में भरा खजाना है।।
जाकर झलक तो मार एक बार।
जिन गरीबों के पास ना खाना है।।
मुझे हर अमीर को ये बताना है।
जिनके बैगों में भरा खजाना है ।।
युही उनको खली पेट सो जाना है।
इनके दर्द को किसने जाना है ।।
मुझे हर अमीर को ये बताना है।
 जिनके बैगों में भरा खजाना है।।
उन बच्चो को मुझे बचाना है।
जो शिक्षा से बेगाना है।।
उन हाथो को कॉपी किताब से सजाना है।
मुझे हर अमीर हर को  बताना है।।
 जिनके बैगो में भरा खजाना है।
कविः - विक्रम कुमार ,कक्षा -10th ,अपना घर, कानपुर,
 

कवि परिचय : यह कविता विक्रम के द्वारा लिखी गई है।  विक्रम बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं। विक्रम को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है। और वह अपनी प्यारी -प्यारी कविताओं एकत्रित कर उन्हें एक किताब में प्रकाशित करवाना चाहता है।  विक्रम एक रेलवे डिपार्टमेंट में काम करना चाहते हैं।