"हिन्दी भाषा हमसे है"
हिन्दी भाषा हमसे है।
हम है उनके रक्षक।।
वक्त पे साथ दिया मेरा।
बन के हिन्दी के अक्षर।।
हिन्दी आसान लगता बोलना।
वो हम कहा करते थे।।
लेकिन जितना कठिन हिन्दी है।
उतना कोई भाषा नहीं।।
हिन्दी हम लोगो के दिलो में बसा है।
हमारी रगो में दौड़ता है।।
तभी तो मेरा हिंदुस्तान बना।
हिन्दी पर एक आंच न आने देंगे।।
हिंदी भाषा हमसे है।
हम है उनके रक्षक।।
कविः- रविकिशन कुमार, कक्षा -11th, अपना घर, कानपुर,
कवि परिचय : यह कविता रविकिशन के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक हिन्दी है। रविकिशन बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं। रविकिशन को कवितायेँ लिखने में बहुत रूचि है।
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