"मौसम"
मौसम का क्या कहना |
जो हसी खुशी का महौल बना दे ,
सूख रहे पेड़ -पौधे |
अब तो कुछ बूँद गिरा दे ,
मौसम का क्या करना |
जो दूर -दूर तक बादल से घिरा दे ,
लोंगो के चेहरें पर है मुस्कान |
अब तो कुछ बूँद गिरा दे ,
मौसम का क्या कहना |
जो चारों तरफ हरा भरा बना दे ,
सूख गए सारे झील तालाब |
कुछ बूँद से इसे सुन्दर बना दे ,
कवि : रविकिशन कुमार , कक्षा : 12th
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