बुधवार, 29 मई 2019

कविता : चन्दा मामा की बात

" चन्दा मामा की बात "

सो रहे थे जब छत पे हम,
गिन रहे थे तारे को |
तभी कुछ देर बाद आ गए,
चन्दा मां सुलाने को |
तारे बोले अभी तुम न सोना,
अभी करना है कुछ काम |
फैलो जग में इतना,
ताकि हो तुम्हारा नाम |

ये सब सुनकर गुस्से से बोला चन्दा मामा,
सो जा बालक |
नहीं तो भइया कराएंगे तुम से ड्रामा,
यह सुनकर हम ने बोला चुप हो जा मामा |
आज नहीं यह बात हमको कल बताना | |  

तारों की बात मान कर जगे रहे साडी रात,
और चंदा मामा से कभी नहीं करते बात |  
क्यों कहते थे,
सो जा बालक सारि रात |

नाम : कामता कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता कामता के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के नवासी हैं | कामता को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और बहुत सी कविता लिखते हैं | कामता को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है | पढ़लिखकर एक नेवी ऑफिसर बनना चाहतें हैं |

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