शुक्रवार, 10 मई 2019

कविता : माँ

" माँ "

तेरा कसूर कुछ नहीं,
जो तेरा कर्म तूने किया,
मुझे पता है तूने ही मुझे जन्म दिया |

सहा है बहुत सी मुसीबतों को,
बिना किए अपनी परवाह |
तेरी ममता मेरी जान से प्यारी,
तू ही है दुनियाँ की सबसे न्यारी |

अब यह क्या तेरे चेहरे पर झुर्रियॉ,
आँखों में आँसू |
मुँह में आह की आवाज़,
वह ठोकरों से भरी राह |

फिर भी सह कर है मुस्कराती,
तू मेरी अनमोल रत्न |
मेरी जान से भी प्यारी,
तू ही तो है मेरी सर्वोपरी |
मेरी जान से प्यारी मेरी माँ |

नाम : राज कुमार,  कक्षा : 10th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता राज के द्वारा लिखी गई जो की  हमीरपुर के निवासी हैं और अपना घर नामक संस्था में रहकर अपनी पड़े कर रहे हैं | राज को कवितायेँ लिखने का बहित शौक है | राज एक होनहार छात्र हैं |
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