बुधवार, 10 जनवरी 2018

कविता : हम मजदूर हैं

" हम मजदूर हैं " 

हम मजदूर हैं तो क्या हुआ, 
कल का भविष्य है हम | 
मेरी सफलताओं को, 
कदम चूमेगीं एक दिन | 
हौशला और जज्बों  को, 
कम नहीं होने देंगे हम | 
मंजिल तय न हो जाए, 
कोशिश करते कहेंगे हम | 
मुश्किलों से न घबराएँगे, 
हर संकट को पार कर जाएंगे | 

नाम : नितीश कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर


कवि परिचय : नितीश कुमार बिहार के रहने वाले हैं लेकिन अपने परिजन के साथ कानपूर में आकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं | पढाई में बहुत मेहनत करते हैं | पढ़ लिखकर अपना परिवार वालों की  मदद करना चाहते हैं |  

2 टिप्‍पणियां:

Ravindra Singh Yadav ने कहा…

नमस्ते,
आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
(http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरूवार 11-01-2018 को प्रकाशनार्थ 909 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।

गोपेश मोहन जैसवाल ने कहा…

शाबाश नितिन ! तुम्हारी काव्य-प्रतिभा ने मुझे प्रभावित किया है और उस से अधिक तुम्हारे जोश ने. अभी तुम्हारी कविता में परिपक्वता नहीं है और उसमें भाषा-दोष भी है. 'हौशला' नहीं 'हौसला'होता है.