" सूरज की ओर कड़कती किरण "
सूरज की ओर कड़कती किरण |
हर जगह को अनजान बना देती है ,
पेड़ -पौधे को सुखा डालता है |
जीना बेहाल कर देती है ,
जब उस जगह पर पहला बूंद गिरता है |
एक अनजान जगह से हरियाली में बदल जाता है ,
सूरज की ओ कड़कती किरण |
हर जगह को अनजान बना देता है ,
मन का मनोबल डाउन कर देता है |
सूरज की ओ कड़कती किरण,
कवि : अमित कुमार , कक्षा : 7th
अपना घर
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