शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

कविता:- कवि सभा के मंच पर

"कवि सभा के मंच पर"
कवि सभा के मंच पर। 
सुना रहें हैं कविता।।
पीछे से वाह-वाह किये जा रहें हैं।
सुर और ताल दिए जा रहें हैं।।
कवि सभा के मंच पर। 
सुना रहे हैं  कविता।।
तालियों की गड़गड़ाहट गूँज उठी है।
हर चेहरे पर खुशी की।।
 लहर झूम उठी है।
कवि सभा के मंच पर।।
कविता सुना रहें हैं।
कवि:- अवधेश कुमार, कक्षा- 7th, अपना घर, कानपुर, 

कोई टिप्पणी नहीं: