शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

कविता : हौशला

" हौशला "

मुझमें भी वह हौशला है,
मेरे भी कुछ ख्वाइश हैं |
मैं अपने को साबित कर सकता
पेन और कॉपी के सहारे |
अपना उज्जवल भविष्य लिख सकता हूँ,
उसको सबके सामने पढ़ सकता हूँ |
सुनहरे अक्षरों का ज्ञान हममे भी है,
गहराई में जाने की क्षमता हममे भी है |
तैरते हुए समुन्दर को पार करना है,
अब किसी से नहीं डरना है |   

कवि : सार्थक कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता सार्थक के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक हौशला है | हौशला सभी में होता है लेकिन उसे दिखाने में झिझकते हैं |
सार्थक को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | सार्थक बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | सार्थक एक आर्मी ऑफिसर बनना चाहते हैं |

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