शनिवार, 30 मार्च 2019

कविता : भगत सिंह बनना हम है चाहते

" भगत सिंह बनना हम है चाहते "

वीरों के वीर थे,
तीनों बड़े शेर थे |
क्रान्तिकारी ये कहलाते थे,
अंग्रेजों से ये न घबराते थे |
बेम फेंक सबको चौकाया,
बिना डरे इन्होने कर दिखाया |
नाम इनके थे बड़े प्यारे,
राजगुरु,सुखदेव और भगत सिंह
बस गए देश के न्यारे |
२३ मार्च को संकट सा आया,
चुपके से इन्हे फाँसी पर लटकाया |
हो गए ये वीर गति को प्राप्त,
फिर भी न गई इनकी याद |
शहीद दिवस हम है मनाते,
भगत सिंह बनना हम है चाहते |

                                                                                                       कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा :8th ,अपनाघर

कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जिन्होंने यह कविता लिखी है | इस कविता में इन्होने शहीद दिवस को दर्शाया है | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | कुलदीप पढ़कर नेवी में जाना चाहते हैं | कुलदीप को कवितायेँ लिखने के आलावा डांस करना भी आता है |


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