शनिवार, 16 फ़रवरी 2019

कविता : सूरज का कहर

" सूरज का कहर "

क्या मौसम आया है,
सूरज भी कहर भरपाया है |
गर्मी में लोग हो गए बेहाल,
पसीने ने कर दिया बुरा हाल |
पंखे सूने पड़ गए,
हवा भी बंद सी हो गई |
बच्चे भी हो गए परेशान,
छुट्टी ही करेगी इनका काम आसान |
जून भी बाकी है,
गर्मी जो भारी है |
अभी बचे है 4 महीने लगातार,
न जाने क्या होगा इस गर्मी में हाल |

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 7th , अपना घर

कवि परिचय : यह हैं कुलदीप जो की छत्तीसगढ़ के निवासी हैं और अपना घर में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | कुलदीपको डांस भी बहित अच्छा कर लेते हैं |

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