मंगलवार, 19 जून 2018

कविता : साल बेहाल

" साल बेहाल " 

जनवरी में हम सर्दी झेले ,
फरवरी में हम शाम को खेले | 
परीक्षाएं हैं अपनी मार्च में, 
अप्रैल में परिणाम है | 
मई है लू का महीना, 
पूरा जून आया पसीना | 
जुलाई में थोड़ा बूँदा बांदी,  
अगस्त का दिन है आज़ादी | 
सितम्बर है शिक्षक दिवस का,  
अक्टूबर में वध किया रावण का | 
नवम्बर है बच्चों का महीना,  
लो भाई आ गयाअंतिम महीना | 

कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th  , अपना घर 

1 टिप्पणी:

RameshBabu ने कहा…

कविता लेखन का सुन्दर प्रयास।