गुरुवार, 17 मई 2018

कविता :दूषित हवा

" दूषित हवा "

जागो दुनियाँ  वालों जागो,
हो रही है दूषित दुनियाँ | 
मत जलाओ पॉलिथीन को, 
जागो दुनियाँ वालो जागो | 
साँस लेने में हो रही है दिक्कत, 
जाने कब रुकेगी ऐसी मुसीबत | 
जाने किस मुसीबत से जी रहे हम, 
क्यों हवा को दूषित किय हैं हम | 
जागो दुनियाँ  वालों जागो | 

कवि : नितीश कुमार , कक्षा :8th , अपना घर 


कवि परिचय : इस कविता को नितीश कुमार ने लिखा है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | नितीश अपनी कविताओं में अधिकतर वातावरण और प्रकति के बारे में लिखते हैं | नितीश को कविता लिखने के अलावा नृत्य करना भी आता है | 

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