" दूषित हवा "
जागो दुनियाँ वालों जागो,
हो रही है दूषित दुनियाँ |
मत जलाओ पॉलिथीन को,
जागो दुनियाँ वालो जागो |
साँस लेने में हो रही है दिक्कत,
जाने कब रुकेगी ऐसी मुसीबत |
जाने किस मुसीबत से जी रहे हम,
क्यों हवा को दूषित किय हैं हम |
जागो दुनियाँ वालों जागो |
कवि : नितीश कुमार , कक्षा :8th , अपना घर
कवि परिचय : इस कविता को नितीश कुमार ने लिखा है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | नितीश अपनी कविताओं में अधिकतर वातावरण और प्रकति के बारे में लिखते हैं | नितीश को कविता लिखने के अलावा नृत्य करना भी आता है |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें