गुरुवार, 10 मई 2018

कविता : बारिश

" बारिश "

टिप - टिप बरसा पानी, 
झम - झम बरसा पानी | 
जब धरती पर है आती, 
टप - टप शोर है मचाती | 
सभी बच्चे ख़ुशी मनाते,
बरसात के पानी में नहाते | 
जगह - जगह कीचड़ फैलते,
पानी का बौछार बहाते | 
ठंडी ठंडी हवा हैं लाते, 
रात में मच्छर हमें सताते |  
टिप - टिप बरसा पानी, 
झम - झम बरसा पानी | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 7th , अपना घर 


कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | कुलदीप  को खेल में क्रिकेट पसंद है | कुलदीप अपनी कविताओं में प्रकति के बारे लिखते हैं | यह बहुत ही मजाकिया है | 

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