"दोस्त "
कमी बस यही है एक संग जीना है तुम्हारे ,
ये दोस्त रूठना नहीं कभी मुझसे |
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादे है संग तुम्हारे ,
जबतक संग हो तुम मेरे,करने का जज्बा है सब कुछ |
जो छोड़ दिया साथ तुमने ,करने को नहीं है कुछ भी |
तुमसे ही तो हिम्मत है,जीने की राह तुमसे ही है |
नाकामी में साथ रहे तुम्हारा,कामयाबी में रहे हाथ तुम्हारा |
लाखो मुसीबते आये बस,उम्मीद न छोड़ना |
करके दिखाऊंगा मैं,सफल पाके दिखाऊँगा मैं |
कमी बस यही है एक,संग जीना है तुम्हारे |
ये दोस्त नहीं रूठना मुझसे तुम ,
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादे है संग तुम्हारे |
कवि :साहिल कुमार,कक्षा :8th
अपना घर
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